Doshi Kaun; Vishv Arthvyavastha Me Rozgaar Aur Asamanta (दोषी कौन: विश्व अर्थव्यवस्ट्था में रोज़गार, और असमानत
Michael D Yates
Region : | Language : English | Product Binding : Paper Back | Page No. : 346 | Year : 2006
ISBN : 9788187879824
INR : 250.00
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Overview
1990 की आर्थिक तेजी ने पूंजी मालिकों के लिए तो अपार संपदा सृजित की परन्तु इसने मज़दूरों को शायद ही कोई लाभ दिया! अग्रणी श्रमिक विश्लेषक माइकल डी. येट्स की यह नई पुस्तक इस बात का विश्लेषण करती है कि यह कैसे हुआ और इस बारे में क्या किया जा सकता है!
दोषी कौन पुस्तक रोज़गार तथा बेरोज़गारी में, कार्य कि समयावधि में तथा कार्य कि प्रकृति में समसामयिक प्रवत्तियों कि पड़ताल करती है! यह दर्शाती है कि किस प्रकार आज कार्यमूलक जीवन का पुनरसंरूपं हो रहा है! ऐसा निरूपित करने में इसमें वृहद सैद्धांतिक मूल्यों का ठोस उदाहरणों के परिदृश्य में आधुनिक अर्थव्यवस्था का नितप्रति कि जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है, यह वर्तमान राजनितिक परिदृश्य में श्रमिकों के लिए अनुकूल विकल्पों को प्रस्तुत करती है एवं पूंजीवाद के वैश्विक गलघोंटू वातावरण का सामना करने हेतु उनका पथ प्रशस्त करती है!
माइकेल डी येट्स मंथली रिव्यु प्रेस के सहयोगी संपादक हैं! उन्होंने कई वर्षों तक जॉनस्टोन स्थित पिट्सबर्ग विश्विद्यालय में अर्थशास्त्र का अध्यापन कार्य किया! एक जाने-मने अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ वह मजदुर संघ कर्मी तथा श्रम विश्लेषक भी हैं! उनको अन्य कृत्तियाँ हैं: 'ए लेबर लॉ हैंडबुक', 'लॉन्गर आवर्स, फ्यूचर जॉब्स: एम्प्लॉयमेंट एंड ुनम्पलॉयमेंट इन डी यूनाइटेड स्टेट्स' (1994), 'व्हाई यूनियंस मटर' (1998) जिनका प्रकाशन मंथली रिव्यु प्रेस, न्यूयोर्क द्वारा किया गया है! येट्स 'राइजिंग फ्रॉम द एशेज?: लेबर इन द आगे ऑफ़ "ग्लोबल" कैपिटलिज्म' (1999 ) के सह-संपादक भी हैं!

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